मौसम बदले न बदले हमें उम्मीद की कम से कम
मुझे यह लेख बहुत पसंद आया परंतु एक परेशानी है कि आपके लिखे सुविचार हम कॉपी नहीं कर पा रहे हैं.
अपनी कल्पना को साकार और सपनों को पूरा करने के लिए हिम्मत के साथ आगे बढ़ें।
कुछ भी असंभव नहीं जो सोच सकते है वो कर सकते है
“निर्धनता प्रकट करना निर्धन होने से अधिक दुखदायी होता है।” – प्रेमचन्द
मुश्किलें तुम्हारे साथ साथ तब तक चलती रहती हैं जब तक आप बैठ कर उनका निपटारा नहीं कर देते।
यूँ ही नहीं मिलती सफलता बहुत कुछ खोना पड़ता है,
दूसरों की गलतियों पर अपने गुनाहों को याद कर लेना, ये आदत हमें इंसान बनाए रखती है।
जिन्हे वापस भी लेना पड़े तो खुद को तकलीफ ना हो!
अगर आप कुछ छोटा सोचते हो और उसे पूरा कर लेते हो तो यह कोई बड़ी बात नहीं
“दिल समंदर जैसा रखना साहब, देखना नदियाँ खुद ही मिलने आयेगी।”
हर नया दिन कुछ न कुछ जरूर सिखाता हैं।
pratyek kaary apane samay par hota hai, jaise paudhon mein phool aur phal apane samay par aate hain.
कोशिश करो कि तुम aaj ka suvichar अपने सोचने की दिशा बदल डालो
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